4 अक्टूबर 2019
प्रेस विज्ञप्ति
ज़ुल्म, ज़ख्म, आज़ादी… कश्मीरी औरतों की आवाज़ें
कश्मीर घाटी में बंदी का आज 60वां दिन है।
यौन हिंसा व राजकीय दमन के खिलाफ महिलाएं (WSS) की चार सदस्यीय टीम (किरण शाहीन, नंदिनी राव, प्रमोदिनी प्रधान, शिवानी तनेजा) ने 23 से 28 सितंबर 2019 तक कश्मीर घाटी का दौरा किया। इस दौरे का मकसद भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से लोगों, खासकर औरतों व बच्चों, के साथ बातचीत करना, उनकी आवाज़ सुनना और मौजूदा परिस्थितियों को समझना था।
टीम ने श्रीनगर, दक्षिण में शोपियां और उत्तर में कुपवाड़ा व बारामूला ज़िलों की यात्रा की। हम विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से बात कर पाए – अपने–अपने घरों में कैद बूढ़ी और युवा औरतों, स्कूल शिक्षकों, अस्पताल के अधिकारियों, फेरीवालों, सड़क किनारे के विक्रेताओं, दुकानदारों, बाग मालिकों, कबाड़ियों, टैक्सी ड्राइवरों, ऑटो चालकों, वकीलों पत्रकारों, एक्टिविस्टों और स्कूल व कॉलेज के छात्रों से। हमने गांवों व मुहल्लों के साथ–साथ स्कूलों, अदालतों और अस्पतालों का दौरा भी किया। यात्राएं बिना किसी योजना के की गईं और किसी के द्वारा निर्देशित नहीं थीं। हमारा मानना है कि हमारे द्वारा साझा किए गए विचार पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। Continue reading