हैदराबाद और उन्नाव के बलात्कार और हत्याओं के खिलाफ WSS का बयान
6 दिसम्बर 2019 को तेलंगाना पुलिस ने चार निहत्थे लौरी मज़दूर जिनकी उम्र 20 से 24 साल की थी को उस जगह अपनी गोलियों से मौत के घाट उतार दिया जहां उन्होंने कथित रूप से एक हफ्ता पहले एक 26 साल की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या की थी। ठीक इसी दोपहर उन्नाव की एक 23 साल की महिला जो पिछले साल अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार के अपराधियों की पहचान के लिये रायबरेली कोर्ट में गवाही के लिये जा रही थी। इन अभियुक्तों में से एक को गिरफ्तार किया जा चुका था परंतु ठीक जिस दिन कोर्ट में सुनवाई होनी थी उसके एक हफ्ते पहले ही वह जमानत पर छूट चुका था। यह लड़की उस दिन कोर्ट पहुंच ही नहीं सकी क्योंकि उसे रास्ते में ही पांच आदमियों ने ज़िंदा जला डाला। जिनमें से दो उसके बलात्कार के भी अभियुक्त थे। और उनमें से एक वही था जिसे कुछ दिनो पहले ही ज़मानत मिली थी। आग की लपटों से जलती हुई वह एक किलोमीटर का रास्ता तय करके अस्पताल पहुंची। उसका 90 फीसदी शरीर जल चुका था। दो दिन के भीतर ही उसने अपना दम तोड़ दिया। जिस समय उसकी मौत हुई ठीक उससे पहले हैदराबाद के लोग युवा पशुचिकित्सक के कथित चार बलात्कारियों की पुलिस कस्टडी मे हुई हत्या का यह कहकर जश्न मना रहे थे कि ‘न्याय’ हुआ है। Continue reading